शिक्षा विभाग पटना : बिहार में शिक्षा विभाग कड़ी एक्शन मे हैं. क्वालिटी एजुकेशन के लिए नए नए फरमान जारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में शिक्षा विभाग के अधिकारी डॉ. एस सिद्धार्थ ने विद्यार्थियों के टेस्ट परीक्षा के आधार पर शिक्षकों के शैक्षणिक कार्य का मूल्यांकन और शिक्षकों के शैक्षणिक कार्य और मूल्यांकन प्रतिवेदन सेवा पुस्तिका में दर्ज करने हेतु बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस विषयों में पत्र भेजे गए हैं। यानी अब शिक्षकों के शैक्षणिक कार्यों का जांच होगा और उसे जांच रिपोर्ट को शिक्षकों के सेवा पुस्तिका में दर्ज की जाएगी।
तो चलिए शिक्षा विभाग की तरफ से जो Bihar School Teachers New Rules लागू किए गए हैं इस संबंध में पूरी विस्तृत जानकारी हम आप सभी को विस्तार से बताते हैं। आप सभी से अनुरोधहै कि अगर आप शिक्षा विभाग की तरफ से आप दिए गए इस आदेश को जरूर जान लीजिए। अगर आप एक स्कूल के शिक्षक है तो आपके लिए खबर बहुत ही जरूरी हो जाती है।
बिहार सरकार शिक्षा विभाग अब क्वालिटी शिक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं पिछले कई वर्षों से आप देखते आ रहे हैं शिक्षा विभाग में जब पाठक जी थे तब भी नए-नए फरमान हर रोज जारी किए जाते थे.लेकिन जब डॉक्टर एस सिद्धार्थ जी आए अब भी नए-नए फरमानों पर मुहर लग रही है। शिक्षा विभाग जो नए नियम शिक्षकों के लाए हैं ये कुछ इस प्रकार है-
इस प्रकार होगा शिक्षकों के शिक्षण कार्य का अब होगा मूल्यांकन
हाल ही में बिहार सरकार शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों एवं शिक्षकों के लिए कई नियमों में भारी बदलाव किए हैं। पहले शिक्षकों का ऑफलाइन हाजिरी बनता था लेकिन सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन प्रक्रियालागू कर दिया। अब जहां बच्चों की रजिस्टर के माध्यम से अटेंडेंस बनाया जाता था वहीं अब ई शिक्षा-कोष एप्लीकेशन के जैसा ही एक नया एप्लीकेशन बनाकर शिक्षा विभाग की तरफ से अब बच्चों का भी ऑनलाइन अटेंडेंस लेना शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे न केवल विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी बल्कि शिक्षा विभाग को भी उपस्थिति का जायजा लेना आसान हो जाएगा।
इसी तरह से अब शिक्षा विभाग ने स्कूल में होने वाले मासिक , अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा को लेकर एक नया अल्टीमेटम दे दिया है। आपसे को बता दे कि अब विद्यालय में बच्चों का जो परीक्षा होती है इसके नियम में बड़ी बदलाव हो गई है। पहले उन स्कूलों के शिक्षक ही वीक्षक और मूल्यांकन दोनों ही कार्य करते थे। लेकिन अब यह नियम पूरी तरह से शिक्षा विभाग ने समाप्त कर दिया है नया नियम में अब यह अनिवार्य कर दिया है कि किसी भी स्कूल के शिक्षक अपने ही स्कूल में होने वाले वार्षिक अर्द्धवार्षिक या मासिक किसी भी परीक्षाओं का ना ही वीक्षक बनेंगे और ना ही मूल्यांकन करेंगे।
Bihar School Teachers New Rules के मुताबिक अन्य स्कूलों के शिक्षक अब उसे विद्यालय में होने वालेवार्षिक,अर्द्धवार्षिक या मासिक परीक्षा का वीक्षक और मूल्यांकन दोनों ही करेंगे। और इसके साथ ही इसका रिजल्ट भी जारी किया जाएगा बच्चों को प्राप्त रिजल्ट के मुताबिक ही संबंधित कक्षा के शिक्षकों का मूल्यांकन होगा और ये मूल्यांकन शिक्षकों के सेवा पुस्तिका में दर्ज की जाएगी।
बिहार सरकार शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए नए नियमों के निर्देश के मुताबिक बिहार के सरकारी स्कूलों में मासिक , अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा का नया अनुरूप लागू किया गया है। परीक्षा से पहले वीक्षण के लिए चुने गए शिक्षकों का प्रवेश प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। किन विद्यालयों का वीक्षण मिला है उसे पर पूरा विवरण रहेगा। इसके अलावा माना जा रहा है कि विद्यार्थियों का भी प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। प्रवेश पत्र में रोल कोड के साथ रोल नंबर भी रहेंगे ताकि विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने में किसी भी तरह की समस्या ना आए।
इसके अलावा कोई भी शिक्षक जो उसे विद्यालय में नियुक्त है परीक्षा के दिन मौजूद नहीं रहेंगे। यह शिक्षा विभाग के तरफ से जारी किए गए निर्देश है। परीक्षा के दिन जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी जांच करने के लिए आ सकते हैं। किसी भी तरह के गड़बड़ी में जो शिक्षक सम्मिलित पाए जाते हैं उन पर भी कार्रवाई की जाने की प्रावधान है।
शिक्षा विभाग प्राइमरी-मिडिल स्कूलों के साथ-साथ माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के विद्यालयों में होने वाले अर्धवार्षिक परीक्षा को लेकर भी नए नियम जारी किए हैं। आप सभी को बता दे कि अब नए स्तर से इन विद्यालयों में होने वाले अर्धवार्षिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। स्कूलों में होने वाले इन परीक्षाएं का वीक्षण कार्य दूसरे स्कूल के शिक्षक करेंगे। और कॉपियों का मूल्यांकन भी अन्य विद्यालयों के शिक्षक ही करेंगे इसके लिए एक विशेष कमेटी टीम का गठन किया जाएगा। छात्र-छात्राओं प्रदर्शन के आधार पर ही शिक्षकों के शैक्षणिक कार्य का मूल्यांकन सेवा पुस्तिका में दर्ज होगा।
माना जा रहा है कि सेवा पुस्तिका में जो रिपोर्ट दर्ज होगा वही रिपोर्ट शिक्षा विभाग में मान्य होगा और उसी के आधार पर शिक्षकों को किसी भी तरह के प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। अभी अनिवार्य है कि शिक्षक अपने बच्चों को क्वालिटी शिक्षा प्रदान करें। पढ़ाई के साथ किसी भी तरह के समझौता नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही अनिवार्य है कि बच्चों को जो अंक प्राप्त हुआ है या बच्चों ने जो परीक्षा में लिखे हैं उन कॉपियों को उनके अभिभावक घर पर मंगा सकते हैं।
अभिभावक भी अपने बच्चों की मूल्यांकन करेंगे और अभिभावक भी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप सकते हैं। अगर बच्चों की कॉपी के मूल्यांकन में किसी भी तरह के गड़बड़ी की जाती है तो इसका जिम्मेवार मूल्यांकन करता शिक्षक होंगे और कार्रवाई भी की जा सकती है।
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इस पोस्ट में हमने आपको बिहार के सरकारी विद्यालयों में मासिक , अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा पर क्या नया नियम लागू हुआ है। और ये कैसे प्रभावित रहेगा। शिक्षा विभाग की तरफ सेक्या-क्या निर्देश जारी किए गए हैं तमाम जानकारियां विस्तार से बताए हैं। उम्मीद करते हैं आप सभी को यह पसंद आई हो अपने दोस्तों को भी शेयर किए होंगे।
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